माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी सर की वर्चुअल उपस्थिति में आज जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। आज प्रधानमंत्री श्री ने “जल शक्ति जनभागीदारी” पहल का वर्च्युअल शुभारंभ किया, जो न केवल बारिश के पानी का बेहतर प्रबंधन करेगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी पानी की सुरक्षा प्रदान करेगा।
सूरत में माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल की विशेष उपस्थिति में आयोजित यह कार्यक्रम में समग्र गुजरात में विशेष रूप से दक्षिण गुजरात के सूरत, नवसारी, डांग, तापी और वलसाड जिले में जल संचयन के कार्यों का शुभारंभ हुआ।
गुजरात में पुरानी परंपराओं में जल संचय का विशेष महत्व रहा है। लोगों ने सदियों से बारिश के पानी को सहेजकर अपने जीवन को सशक्त बनाया है।
आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी सर की दूरदृष्टि ने इन पुरानी विधियों को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ जोड़कर एक नया आयाम दिया है। जल संचय की यह नई पहल, न केवल भूजल स्तर को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि किसानों और आम नागरिकों के जीवन को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी।
आज NAQUIM कार्यक्रम के अंतर्गत भूजल की माप, मेपिंग, और प्रबंधन की शुरुआत भी हुई, जो गुजरात में जल संरक्षण के क्षेत्र में एक सशक्त कदम है।
मुझे विश्वास है कि यह पहल गुजरात को जल आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करेगी।