गंगा मात्र एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक है। करोड़ों लोगों की श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है। कल नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा गंगा तट पर आयोजित “गंगा उत्सव” में पूज्य साधु संतों की उपस्थिति में सम्मिलित होकर गौरव और प्रसन्नता की अनुभूति हुई।
गंगा उत्सव केवल एक महोत्सव नहीं, बल्कि हमारी नदियों के संरक्षण और उनके महत्व को समझाने का एक जागरूकता अभियान है। पहली बार गंगा तट पर इस महोत्सव का आयोजन, नदियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को और भी सशक्त बनाता है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी सर के प्रेरणादायक नेतृत्व में “नमामि गंगे” जैसे अभियान गंगा को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए चलाए जा रहे हैं। गंगा को प्रदूषण से मुक्त रखकर हम न केवल जल को शुद्ध करेंगे, बल्कि जल में जीवन का भी संरक्षण करेंगे। यह कोई साधारण परियोजना नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण का संकल्प भी है।