आज भोपाल में आपातकाल की 50वीं बरसी पर आयोजित एक विचार-विमर्श में भाग लिया,
आज भोपाल में आपातकाल की 50वीं बरसी पर आयोजित एक विचार-विमर्श में भाग लिया, जहाँ भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के उस काले अध्याय को स्मरण किया गया।
25 जून 1975 को कांग्रेस सरकार द्वारा थोपा गया आपातकाल न केवल लोकतंत्र का गला घोंटने वाला था, बल्कि संविधान, नागरिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी एक क्रूर प्रहार था।
इस अंधकारमय कालखंड में, असंख्य देशभक्तों ने अमानवीय यातनाओं को सहते हुए भी लोकतंत्र की मशाल को बुझने नहीं दिया। आज के कार्यक्रम में ऐसे सभी वीर सेनानियों को कोटि-कोटि नमन किया।
लोकतंत्र के लिए दिया गया यह अद्भुत बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।