आज जल शक्ति अभियान – कैच द रेन और अटल भूजल योजना के तहत देशभर के जिला कलेक्टरों के साथ व्यापक समीक्षा बैठक की। माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi सर के नेतृत्व में जल संरक्षण एक जन आंदोलन बन चुका है। आज की बैठक में विभिन्न जिलों ने अपने सर्वश्रेष्ठ जल संरक्षण मॉडल साझा किए जैसे की…. ✅ बाड़मेर में पारंपरिक टांका संरचनाओं का निर्माण ✅ अलवर में ऐतिहासिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार और Building as Learning Aid ✅ मेहसाणा में अटल जल योजना के तहत प्रभावी कार्य ✅ धमतरी में जल प्रबंधन के अभिनव प्रयास सभी जिलों से आग्रह किया कि वे जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और हर सरकारी भवन में जल संचयन प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू करें। मनरेगा, 15वें वित्त आयोग, जिला खनिज निधि, CSR और जनसहयोग को समन्वित कर जल संरक्षण के लिए वित्तीय संसाधनों का प्रभावी उपयोग किया जाए। नवसारी में मात्र 24 घंटे में 1,100 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और जनभागीदारी का अद्भुत उदाहरण है। इसी तरह, हम 31 मई तक 10 लाख से अधिक जल संचयन संरचनाओं के निर्माण के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जिसमें से 5 लाख से अधिक पहले ही पूरे हो चुके हैं। #CatchTheRain #WaterConservation #JalJeevanMission
आज जल शक्ति अभियान – कैच द रेन और अटल भूजल योजना के तहत देशभर के जिला कलेक्टरों के साथ व्यापक समीक्षा बैठक की। माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi सर के नेतृत्व में जल संरक्षण एक जन आंदोलन बन चुका है।
आज की बैठक में विभिन्न जिलों ने अपने सर्वश्रेष्ठ जल संरक्षण मॉडल साझा किए जैसे की….
बाड़मेर में पारंपरिक टांका संरचनाओं का निर्माण
अलवर में ऐतिहासिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार और Building as Learning Aid
मेहसाणा में अटल जल योजना के तहत प्रभावी कार्य
धमतरी में जल प्रबंधन के अभिनव प्रयास
सभी जिलों से आग्रह किया कि वे जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और हर सरकारी भवन में जल संचयन प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू करें। मनरेगा, 15वें वित्त आयोग, जिला खनिज निधि, CSR और जनसहयोग को समन्वित कर जल संरक्षण के लिए वित्तीय संसाधनों का प्रभावी उपयोग किया जाए।
नवसारी में मात्र 24 घंटे में 1,100 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और जनभागीदारी का अद्भुत उदाहरण है। इसी तरह, हम 31 मई तक 10 लाख से अधिक जल संचयन संरचनाओं के निर्माण के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जिसमें से 5 लाख से अधिक पहले ही पूरे हो चुके हैं।